¡Desconecta con la aplicación Player FM !
StoryJam | Listen to stories you always wanted to read! | Hindi Urdu Audio Stories for Kahani lovers
«
»
Behnon Ka Jalsa | Suryabala | Hindi Kahani | Audio Kahaniya | StoryJam | बहनों का जलसा | सूर्यबाला
Manage episode 353698167 series 3247237
There is no easy way to describe the bond that women share. You have to be there- in the long satisfying evenings (or lazy afternoons) when time stands still. In that brief time wounds are healed, plans are hatched, memories are unwrapped, hearts leap with hope and the parched soul finds the elixir of calm.
Do you have friends/sisters who make you feel that way?
-------
सूर्यबाला का जीवन परिचय, व्यक्तित्व, कृतित्व और उपलब्धियॉ
सूर्यबाला जी का जन्म 25 अक्टूबर 1944 को वाराणसी में हुआ। वे एक लेखिका और व्यंगकार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं। अपने जन्मस्थान वाराणसी से सूर्यबाला जी की बहुत सी यादें जुड़ी हैं, जो उनकी कहानियों में गलियों, मोहल्लों के वर्णन में दिखलाई देती हैं। उनका बचपन बड़े ही लाड़-प्यार में धार्मिक, सांस्कृतिक क्रियाकलापों में ही बीता।
सूर्यबाला जी की माँ, श्रीमती केशरकुमारी एक आदर्श गृहिणी थी और पिता, स्व. श्री वीरप्रतापसिंह श्रीवास्तव जिला विद्यालय में निरीक्षक पद पर कार्यरत थे। उनके माता-पिता दोनों शिक्षित तथा हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी भाषा के ज्ञता थे।डॉ. सूर्यबाला जी ने ‘रीति साहित्य’ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बड़े विद्वान तथा समीक्षक डॉ. बच्चन सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया परिवार और माता-पिता के आदर्शों का गहरा प्रभाव सूर्यबाला जी पर पड़ा और लेखन औरज्ञान साधना उन्हें हमेशा भाइ। डॉ. सूर्यबाला जी ने ‘रीति साहित्य’ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विद्वान तथा समीक्षक डॉ. बच्चन सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया।
सूर्यबाला जी कीअनेक रचनाओं को आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं धारावाहिकों में प्रसारित किया गया है और उनकी अनेक रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, बंगाली, पंजाबी, तेलुगु, कन्नड़ आदि भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है।
प्रमुख कृतियां: उपन्यास : मेरे संधिपत्र, सुबह के इंतजार तक, अग्नि पंखी, यामिनी कथा, दीक्षांत, कौन देस को वासी - वेणु की डायरी कहानियाँ : इंद्रधनुष, दिशाहीन, थाली भर चाँद, मुंडेर पर, यामिनी कथा, ग्रह प्रवेश, कात्यायनी संवाद, साँसवाती, मानुष गंध हास्य व्यंग्य : अजगर करे न चाकरी, धृतराष्ट्र टाइम्स, झगड़ा निपटाकर दफ्तर, देश सेवा के अखाड़े में, भगवान ने कहा था
प्रमुख पुरुस्कार एवं सम्मान : भारत भारती सम्मान , प्रियदर्शनी पुरस्कार , घनश्याम सराफ पुरस्कार , ‘नागरी प्रचारिणी सभा काशी’ द्वारा सम्मानित , दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा पुरस्कार , ‘मुंबई विश्वविद्यालय, आरोही’ संस्था सम्मान
-----
Meet me at these Social Media links:
Facebook : https://www.facebook.com/StoryjamArti
Instagram : @arti_storyjam
152 episodios
Behnon Ka Jalsa | Suryabala | Hindi Kahani | Audio Kahaniya | StoryJam | बहनों का जलसा | सूर्यबाला
StoryJam | Listen to stories you always wanted to read! | Hindi Urdu Audio Stories for Kahani lovers
Manage episode 353698167 series 3247237
There is no easy way to describe the bond that women share. You have to be there- in the long satisfying evenings (or lazy afternoons) when time stands still. In that brief time wounds are healed, plans are hatched, memories are unwrapped, hearts leap with hope and the parched soul finds the elixir of calm.
Do you have friends/sisters who make you feel that way?
-------
सूर्यबाला का जीवन परिचय, व्यक्तित्व, कृतित्व और उपलब्धियॉ
सूर्यबाला जी का जन्म 25 अक्टूबर 1944 को वाराणसी में हुआ। वे एक लेखिका और व्यंगकार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं। अपने जन्मस्थान वाराणसी से सूर्यबाला जी की बहुत सी यादें जुड़ी हैं, जो उनकी कहानियों में गलियों, मोहल्लों के वर्णन में दिखलाई देती हैं। उनका बचपन बड़े ही लाड़-प्यार में धार्मिक, सांस्कृतिक क्रियाकलापों में ही बीता।
सूर्यबाला जी की माँ, श्रीमती केशरकुमारी एक आदर्श गृहिणी थी और पिता, स्व. श्री वीरप्रतापसिंह श्रीवास्तव जिला विद्यालय में निरीक्षक पद पर कार्यरत थे। उनके माता-पिता दोनों शिक्षित तथा हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी भाषा के ज्ञता थे।डॉ. सूर्यबाला जी ने ‘रीति साहित्य’ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बड़े विद्वान तथा समीक्षक डॉ. बच्चन सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया परिवार और माता-पिता के आदर्शों का गहरा प्रभाव सूर्यबाला जी पर पड़ा और लेखन औरज्ञान साधना उन्हें हमेशा भाइ। डॉ. सूर्यबाला जी ने ‘रीति साहित्य’ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विद्वान तथा समीक्षक डॉ. बच्चन सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया।
सूर्यबाला जी कीअनेक रचनाओं को आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं धारावाहिकों में प्रसारित किया गया है और उनकी अनेक रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, बंगाली, पंजाबी, तेलुगु, कन्नड़ आदि भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है।
प्रमुख कृतियां: उपन्यास : मेरे संधिपत्र, सुबह के इंतजार तक, अग्नि पंखी, यामिनी कथा, दीक्षांत, कौन देस को वासी - वेणु की डायरी कहानियाँ : इंद्रधनुष, दिशाहीन, थाली भर चाँद, मुंडेर पर, यामिनी कथा, ग्रह प्रवेश, कात्यायनी संवाद, साँसवाती, मानुष गंध हास्य व्यंग्य : अजगर करे न चाकरी, धृतराष्ट्र टाइम्स, झगड़ा निपटाकर दफ्तर, देश सेवा के अखाड़े में, भगवान ने कहा था
प्रमुख पुरुस्कार एवं सम्मान : भारत भारती सम्मान , प्रियदर्शनी पुरस्कार , घनश्याम सराफ पुरस्कार , ‘नागरी प्रचारिणी सभा काशी’ द्वारा सम्मानित , दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा पुरस्कार , ‘मुंबई विश्वविद्यालय, आरोही’ संस्था सम्मान
-----
Meet me at these Social Media links:
Facebook : https://www.facebook.com/StoryjamArti
Instagram : @arti_storyjam
152 episodios
Todos los episodios
×Bienvenido a Player FM!
Player FM está escaneando la web en busca de podcasts de alta calidad para que los disfrutes en este momento. Es la mejor aplicación de podcast y funciona en Android, iPhone y la web. Regístrate para sincronizar suscripciones a través de dispositivos.