महर्षि मेँहीँ संध्या स्तुति ( Maharshi Mehi Sandhya Stuti )
Marcar todo como (no) reproducido ...
Series en casa•Feed
Manage series 3234290
Contenido proporcionado por Jai Guru Maharaj. Todo el contenido del podcast, incluidos episodios, gráficos y descripciones de podcast, lo carga y proporciona directamente Jai Guru Maharaj o su socio de plataforma de podcast. Si cree que alguien está utilizando su trabajo protegido por derechos de autor sin su permiso, puede seguir el proceso descrito aquí https://es.player.fm/legal.
।। सायंकालीन सन्त-स्तुति ।। सब सन्तन्ह की बड़ि बलिहारी । उनकी स्तुति केहि विधि कीजै , मोरी मति अति नीच अनाड़ी ।। सब ।1। दुख-भंजन भव-फंदन-गंजन , ज्ञान-ध्यान-निधि जग-उपकारी । विन्दु-ध्यान-विधि नाद-ध्यान-विधि , सरल-सरल जग में परचारी ।। सब ।2। धनि ऋषि सन्तन्ह धन्य बुद्ध जी , शंकर रामानन्द धन्य अघारी । धन्य हैं साहब सन्त कबीर जी , धनि नानक गुरु महिमा भारी ।। सब ।3। गोस्वामी श्री तुलसि दास जी , तुलसी साहब अति उपकारी । दादू सुन्दर सूर श्वपच रवि , जगजीवन पलटू भयहारी ।। सब ।4। सतगुरु देवी अरु जे भये हैं, होंगे सब चरणन शिर धारी । भजत है ‘मेँहीँ’ धन्य-धन्य कहि, गही सन्त-पद आशा सारी
…
continue reading
Un episodio