ग़ज़ल - वो जो ज़िन्दगी थी मेरी कभी (Ghazal - Wo Jo Zindagi Thi Meri Kabhi)
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वो जो ज़िन्दगी थी मेरी कभी; वो जो पहला पहला ख़ुमार था।
मुझे ज़िन्दगी में नहीं मिला; मेरी ज़िन्दगी का जो प्यार था।
ये जो अश्क़ अपने ही पी रहा; ये जो क़िस्त क़िस्त में जी रहा,
मैं चुका रहा हूँ वो आज भी; जो तेरा पुराना उधार था।
मेरी ज़िन्दगी का उसूल है; जो तुझे ख़ुशी दे क़ुबूल है,
क्यूँ शिकायतें मेरे दिल में हों; न कभी भी कोई क़रार था।
जो नसीब में है लिखा नहीं; मुझे ख्वाब कोई दिखा नहीं,
मैं अभी भी चैन से जी रहा; मैं तभी भी शुक्र-गुज़ार था।
मेरी ज़ीस्त में जो ख़ुशी दिखी; वो भी नाम तेरे ही कर लिखी,
तू भी ग़म तेरे मुझे दे ज़रा; मैं हिसाब में हुशियार था।
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Lyrics - Vivek Agarwal 'Avi'
Music and Vocals - Ranu Jain
96 episodios